Barmer News: तीन साल से फरार मोटाराम विश्नोई गिरफ्तार, रीट परीक्षा फर्जीवाड़े में पुलिस की बड़ी सफलता

Barmer News में हाल ही में एक बड़ी खबर सामने आई है। तीन साल से फरार चल रहे रीट परीक्षा फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी मोटाराम विश्नोई को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस गिरफ्तारी को पुलिस की एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। जानते हैं इस केस की पूरी कहानी और कैसे पुलिस ने मोटाराम को पकड़ने की योजना बनाई।

मोटाराम विश्नोई की गिरफ्तारी: पुलिस की बड़ी कामयाबी

मोटाराम विश्नोई की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने एक विशेष टीम का गठन किया था। जानकारी के अनुसार, मोटाराम गुजरात के सिद्धपुर में अपनी पहचान छिपाकर अलग-अलग होटलों पर काम कर रहा था। पुलिस को दीपावली के मौके पर उसके घर आने की सूचना मिली। इसके बाद पुलिस ने फसल कटाई के समय मोटाराम को उसके गांव के पास से दबोच लिया। इस गिरफ्तारी के साथ पुलिस को इस केस में अहम सफलता हाथ लगी है, जिससे आगे की जांच में तेजी आ सकेगी।

रीट परीक्षा 2021 फर्जीवाड़ा: कैसे हुआ खुलासा?

रीट परीक्षा 2021 में फर्जीवाड़े का मामला राजस्थान में एक बड़ा विवाद बन गया था। पुलिस जांच में पाया गया कि असल उम्मीदवारों की जगह डमी (फर्जी) उम्मीदवारों को परीक्षा में बैठाकर पास करवाने का संगठित षड्यंत्र रचा गया था। बालोतरा पुलिस ने मामले की गहराई से जांच की और कई आरोपियों को गिरफ्तार किया। इसी मामले में मोटाराम विश्नोई का नाम सामने आया था, जो इस केस में टॉप-10 वांछित अपराधियों में से एक था।

तीन साल तक फरार रहकर कैसे बचता रहा मोटाराम?

तीन साल से फरार मोटाराम विश्नोई के गिरफ्तारी की कहानी भी काफी दिलचस्प है। पुलिस को जानकारी मिली कि वह सिद्धपुर, गुजरात में छिपकर काम कर रहा था। अपनी पहचान छुपाने के लिए वह अलग-अलग होटलों पर नौकरी बदलता रहता था। हालांकि, दीपावली के मौके पर उसके घर आने की सूचना पर पुलिस ने जाल बिछाया और फसल कटाई के दौरान उसे धर दबोचा। इस गिरफ्तारी ने पुलिस की लगातार तीन साल की मेहनत को सफल बना दिया।

फर्जीवाड़े की रणनीति: कैसे रचा गया था षड्यंत्र?

रीट परीक्षा फर्जीवाड़े की साजिश मोटाराम और उसके साथी हापुराम ने मिलकर रची थी। असल उम्मीदवार की जगह हापुराम का मिश्रित फोटो और फर्जी दस्तावेज बनाए गए थे ताकि परीक्षा में पास करवा सकें। इस योजना में रमेश नामक व्यक्ति ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से परीक्षा का आवेदन किया। इस मामले में हापुराम और रमेश को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। मोटाराम की गिरफ्तारी के बाद, इस गिरोह की कहानी भी लगभग पूरी हो चुकी है।

अब तक की कार्रवाई और केस की वर्तमान स्थिति

पुलिस ने इस फर्जीवाड़े में शामिल कुल 22 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिनमें से 19 को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इस केस में बचे हुए अन्य आरोपियों की भी तलाश जारी है। मोटाराम की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को उम्मीद है कि बाकी वांछित अपराधियों को भी जल्द गिरफ्तार किया जा सकेगा। इस केस के खुलासे के बाद समाज में फर्जीवाड़े के खिलाफ सख्त संदेश गया है।


FAQs

1. मोटाराम विश्नोई कौन है, और वह क्यों फरार था?

मोटाराम विश्नोई रीट परीक्षा 2021 में फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का मुख्य सदस्य था। असली अभ्यर्थियों की जगह फर्जी उम्मीदवारों को परीक्षा में बैठाने के संगठित षड्यंत्र में उसका नाम सामने आया था, जिसके बाद से वह फरार था।

2. पुलिस ने मोटाराम को कैसे पकड़ा?

पुलिस को सूचना मिली कि मोटाराम गुजरात के सिद्धपुर में छुपकर होटलों में काम कर रहा था। दीपावली के समय उसके घर लौटने की खबर मिलने पर पुलिस ने जाल बिछाया और उसे उसके गाँव में फसल कटाई के दौरान गिरफ्तार कर लिया।

3. रीट परीक्षा फर्जीवाड़ा केस में अब तक कितने लोग गिरफ्तार किए गए हैं?

अब तक इस मामले में 19 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि 3 अन्य की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

4. इस मामले का समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

इस फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद समाज में ऐसे मामलों के प्रति जागरूकता बढ़ी है। इससे लोगों में शिक्षा व्यवस्था की शुद्धता और परीक्षा प्रणाली की सुरक्षा के प्रति विश्वास बहाल हुआ है।


मोटाराम विश्नोई की गिरफ्तारी ने एक बार फिर से साबित कर दिया कि कानून से कोई बच नहीं सकता। पुलिस की सतर्कता और लगातार प्रयास से ऐसे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। उम्मीद है कि इस गिरफ्तारी के बाद बारमेर और राजस्थान में अपराधियों को एक कड़ा संदेश मिलेगा।

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