Barmer news: Jaisalmer Ke Baiya Gaon Mein Ooran Bachao Andolan with Ravindra singh bhati: Villagers Protest Against Land Grabbing
जैसलमेर के बईया गांव में ओरण बचाओ अभियान के तहत ग्रामीण धरने पर बैठे हैं, जहां शिव विधायक ravindra singh bhati ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। इस धरने में शामिल होकर उन्होंने प्रशासन और सरकार को चेतावनी दी कि वे ओरण की जमीन पर कब्जा नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा, “अगर प्रशासन के लोग अपनी वर्दी गिरवी रखकर काम कर रहे हैं, तो उन्हें अशोक स्तंभ हटाकर अडानी की पट्टी लगा लेनी चाहिए।”
हमारे पूर्वजों की दी हुई जमीन को कोई नहीं छीन सकता
Ravindra Bhati ने कहा, “यह हमारी खुद की ज़मीन है। हमारे पूर्वजों ने ओरण और गोचर के लिए यह ज़मीन छोड़ी थी। हम इसे किसी भी कीमत पर छिनने नहीं देंगे।” ओरण की ज़मीन गांववालों के लिए जीवनदायिनी है, क्योंकि यह उनके पशुधन के लिए जरूरी है। भाटी ने प्रशासन से मांग की कि ओरण की ज़मीन को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए, ताकि किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा रोका जा सके।
उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि ओरण की ज़मीन को किसी भी कीमत पर कब्जे में लिया गया, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। “हम डेवलपमेंट के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन अगर यह विकास हमारे लोगों के नुकसान के रूप में होगा, तो हम इसका विरोध करेंगे। हमारे हाथ में चूड़ियां नहीं हैं, हम मजबूती से इस लड़ाई को लड़ेंगे।”
बिकने वाले लोग वर्दी में खड़े हैं, अब किसी को नहीं छोड़ेंगे
विधायक ने प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा, कुछ लोग चंद रुपयों में बिककर वर्दी पहनकर खड़े हैं। ये लोग हमारी आवाज दबाने के लिए अनैतिक तरीकों का इस्तेमाल करते हैं।

भाटी ने यह भी कहा कि इन अधिकारियों को चेतावनी दी गई थी कि अगर उन्होंने दादागिरी करने की कोशिश की, तो वे जवाब देंगे। “मैंने उनसे कहा कि अगर उनका हौसला है तो मुझे गिरफ्तार करके दिखाएं, मैं जेल जाने के लिए तैयार हूं।“
हमारा संदेश स्पष्ट है – ओरण की ज़मीन पर कब्जा नहीं होने देंगे
भाटी ने प्रशासन से साफ शब्दों में कहा, “हमारे लिए ओरण और गोचर की ज़मीन सिर्फ एक भूमि नहीं है, यह हमारे अस्तित्व का हिस्सा है। हम इसे किसी भी कीमत पर बचाएंगे।” उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने किसी भी तरह से इस जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की, तो वे इसे सहन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, “हमारी लड़ाई केवल हमारे गांव के लिए नहीं, बल्कि पूरे जैसलमेर जिले और राजस्थान के किसानों और पशुपालकों के लिए है।“
गोवंश के कातिल, यह लोग ओरण को खत्म कर रहे हैं
भाटी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “आप लोग एक तरफ गाय की पूजा की बात करते हो और दूसरी तरफ ओरण और गोचर को खत्म कर के गोवंश की हत्या करवा रहे हो। यह घोर अन्याय है।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के आदेश पर ही मल्टीनेशनल कंपनियों को ओरण की ज़मीन पर कब्जा करने का मौका दिया गया है। यह कदम उनके अनुसार गायों और अन्य पशुओं के लिए खतरनाक है।
हमारे दादा-परदादा ने हमें यह ज़मीन दी, हम इसे नहीं छोड़ेंगे
विधायक ने यह भी कहा कि इस धरने की वजह सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि अपने पूर्वजों द्वारा दी गई जमीन की रक्षा करना है। “हमारे दादा-परदादा ने हमें ओरण और गोचर के लिए यह ज़मीन दी थी, और हम इसे किसी भी हालत में नहीं खोने देंगे।” उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे पर लड़ने के लिए जेल जाने को भी तैयार हैं।
ग्रामीणों की मांग – ओरण की ज़मीन को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए
ग्रामीणों की मुख्य मांग है कि ओरण की ज़मीन को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए, ताकि उस पर किसी प्रकार का अवैध कब्जा न हो सके। बईया गांव के ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन यह कदम उठाता है, तो वे किसी भी विकास कार्य में कोई आपत्ति नहीं करेंगे। उनका कहना है कि ओरण की ज़मीन पर कब्जा नहीं होने दिया जाएगा, क्योंकि यह उनके जीवनयापन का अहम हिस्सा है।
FAQs – Ooran Bachao Andolan Ke Baare Mein
1. ओरण की जमीन पर कब्जा क्यों किया जा रहा है?
ओरण की जमीन पर कब्जा निजी कंपनियों द्वारा किया जा रहा है, जो इसे विकास कार्यों के लिए उपयोग करना चाहती हैं। हालांकि, यह जमीन ग्रामीणों के लिए पशुधन और अन्य ज़रूरतों के लिए महत्वपूर्ण है।
2. विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने धरने में क्या कहा?
विधायक भाटी ने कहा कि ओरण की ज़मीन पर किसी भी तरह का अवैध कब्जा नहीं होने देंगे। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर यह कब्जा जारी रहा, तो वे इसे किसी भी हाल में रोकेंगे।
3. ग्रामीणों की क्या मांग है?
ग्रामीणों की मुख्य मांग है कि ओरण की ज़मीन को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए, ताकि उस पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा न हो सके।
4. क्या विधायक भाटी सरकार से सहमत हैं?
विधायक भाटी ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं, विशेष रूप से ओरण और गोचर की ज़मीन पर मल्टीनेशनल कंपनियों के कब्जे के संबंध में। उन्होंने कहा कि यह सरकार का जिम्मा है कि इन ज़मीनों की रक्षा करे।
5. अगर प्रशासन ने कब्जा किया तो क्या होगा?
विधायक भाटी ने कहा कि अगर प्रशासन ने कब्जा करने की कोशिश की, तो उन्हें जबरदस्त प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा। यह संघर्ष केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि ग्रामीणों के जीवन और अस्तित्व का सवाल है।
यह आंदोलन अब और गंभीर होता जा रहा है और विधायक भाटी के संघर्ष से यह साफ है कि वे अपनी ज़मीन की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।