Barmer news: शराब पीकर घर लौटे पति को पत्नी ने टोका, नाराज पति ने टांके में कूदकर दी जान, बचाने कूदी पत्नी; लोगों ने किया रेस्क्यू, बची जान!

बाड़मेर के सेड़वा थाना क्षेत्र के जानपालिया गाँव में शुक्रवार की शाम एक दुखद घटना ने दिवाली की खुशियों को मातम में बदल दिया। गाँव के रहने वाले गुणेशाराम और उसकी पत्नी हवली के बीच दिवाली के बाद छोटे से विवाद ने एक बड़ा हादसा बना लिया, जो अब पूरे इलाके में चर्चा का विषय है।

शराब पीकर लौटे पति पर पत्नी ने जताई नाराजगी

त्योहार के अगले दिन जब सभी लोग खुशी में थे, 31 वर्षीय गुणेशाराम शराब के नशे में घर लौटा। उसकी पत्नी हवली ने, जो अपने तीन बच्चों के साथ घर पर उसका इंतजार कर रही थी, शराब पीने की वजह से नाराजगी जताई। जैसे ही दोनों के बीच यह कहासुनी बढ़ी, गुणेशाराम ने अचानक आवेश में आकर घर के पास बने टांके (वाटर टैंक) में कूदने का फैसला कर लिया।

पत्नी ने पति को बचाने के लिए लगाई जान की बाजी

गुणेशाराम को टांके में कूदता देख हवली घबरा गई और अपने पति को बचाने के लिए खुद भी टांके में कूद पड़ी। पति-पत्नी की चीखें सुनकर पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने तुरंत दौड़ लगाई और उन्हें बचाने के प्रयास किए। ग्रामीणों ने दोनों को किसी तरह टांके से बाहर निकाला और तुरंत अस्पताल ले गए।

अस्पताल में गूंज उठी मौत की ख़बर

दोनों को बेहोशी की हालत में सेड़वा हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन वहाँ डॉक्टरों ने गुणेशाराम को मृत घोषित कर दिया। गहरे सदमे में परिवार और रिश्तेदारों के लिए ये क्षण भारी था। जबकि हवली की हालत गंभीर थी लेकिन समय पर इलाज मिलने से उसकी जान बच गई।

पुलिस में मामला दर्ज, शुरू हुई जांच

गुणेशाराम के चचेरे भाई ने सेड़वा थाने में घटना की मर्ग रिपोर्ट दर्ज करवाई, जिसमें शराब के नशे में टांके में कूदने की बात सामने आई। पुलिस ने मृतक के शव का पोस्टमॉर्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया और अब पूरे मामले की गहन जांच की जा रही है।

एक हंसता-खेलता परिवार और दस साल का रिश्ता

गुणेशाराम और हवली की शादी को दस साल हो चुके थे और उनके तीन बच्चे हैं—दो बेटियाँ और एक बेटा। परिवार के लोगों ने बताया कि दिवाली से ठीक एक दिन पहले सभी ने मिलकर हंसी-खुशी से त्योहार मनाया था। बाहर मजदूरी करने वाले गुणेशाराम ने त्योहार के मौके पर घर लौटकर अपनी खुशियाँ परिवार के साथ बांटी थी। लेकिन अगले ही दिन इस हादसे ने सब कुछ बदल दिया।

बच्चों के लिए अनसुलझी दर्दनाक यादें

यह हादसा गुणेशाराम और हवली के बच्चों के लिए एक बड़ी त्रासदी बनकर आया है। परिवार और गाँव के लोग गहरे दुख में हैं, और बच्चों के लिए अपने पिता की यादों के साथ जीना अब एक दर्दनाक यात्रा होगी। ग्रामीणों ने इस घटना को बहुत दुखद माना और यह गाँव के लिए एक ऐसी घटना बन गई है जो सभी के दिलों को छू गई है।

समाज के लिए सीख: त्योहार पर संयम और जिम्मेदारी

इस घटना ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि किसी भी परिस्थिति में संयम और समझदारी बनाए रखना कितना जरूरी है। त्योहार खुशी और प्रेम बांटने का समय होता है, ऐसे में नशे के कारण हुए इस हादसे ने एक परिवार की खुशियों को हमेशा के लिए उजाड़ दिया। समाज के हर व्यक्ति को चाहिए कि वह त्योहारों में शांति, प्रेम और संयम का साथ दे ताकि इस तरह की दुखद घटनाओं से बचा जा सके।

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