Balotra में नकली नोटों का बड़ा भंडाफोड़: 8.97 लाख के नकली नोट के साथ एक गिरफ्तार, 40 हजार में बेचता था 1 लाख के नोट!

Balotra latest news: जिले में नकली नोटों के रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए डीएसटी टीम ने एक बड़ी कार्रवाई अंजाम दी है। जसोल थाना क्षेत्र में हुई इस कार्रवाई में पुलिस ने 8 लाख 97 हजार 5 सौ रुपए के नकली नोट बरामद किए हैं और एक युवक को हिरासत में लिया है। इस मामले ने पूरे जिले में हलचल मचा दी है, और पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि आखिर नकली नोटों का यह रैकेट कहां से संचालित हो रहा है और इसके पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं।

आसोतरा रोड पर नाकाबंदी में नकली नोट सप्लायर गिरफ्तार

सूत्रों के अनुसार, डीएसटी टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि जसोल इलाके में एक युवक नकली नोटों की सप्लाई कर रहा है। इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने आसोतरा रोड पर नाकाबंदी की।

40 हजार में बेचता था 1 लाख के नोट, balotra news

नाकाबंदी के दौरान एक बाइक सवार युवक को रोका गया, जिसकी तलाशी में पुलिस को 500-500 रुपए के नकली नोट बरामद हुए। पकड़े गए नकली नोटों की कुल राशि 8 लाख 97 हजार 5 सौ रुपए आंकी गई है। पुलिस ने युवक भरत कुमार, जो कि तिलवाड़ा का निवासी है, को गिरफ्तार कर उसकी बाइक भी जब्त कर ली है।

डीएसटी टीम ने कैसे पकड़ा नकली नोटों का खेल

डीएसटी टीम द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, भरत कुमार नकली नोटों को 1 लाख के बदले 40 हजार रुपए में बेचने का काम कर रहा था। प्रारंभिक पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि यह उसका पहला प्रयास नहीं था। इससे पहले भी वह करीब 40 लाख रुपए के नकली नोट लाया था, परंतु प्रिंटिंग गुणवत्ता खराब होने के कारण वह उन्हें बाजार में खपा नहीं सका था। इस बार उसने बेहतर प्रिंटिंग के नकली नोट लाकर बालोतरा में खपाने की योजना बनाई थी।

एसपी का बयान: पूरे रैकेट का जल्द होगा पर्दाफाश

जिले के एसपी कुंदर कंवरिया ने बताया कि डीएसटी टीम ने पूरी मुस्तैदी के साथ इस युवक को पकड़ा है। जांच में अब तक यह तथ्य सामने आया है कि आरोपी जालोर के एक व्यक्ति से नकली नोट लाया था। पुलिस ने उस व्यक्ति की पहचान कर ली है और उसकी गिरफ्तारी के लिए एक टीम भेजी गई है। एसपी का कहना है कि मामले की जांच जारी है और जल्द ही पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया जाएगा। आरोपी के कब्जे से 500-500 रुपए के कुल 1,795 नकली नोट बरामद किए गए हैं, जिनकी फेस वैल्यू 8 लाख 97 हजार 5 सौ रुपए है।

नकली नोटों की गुणवत्ता से सतर्क पुलिस

जब्त किए गए नकली नोटों की प्रिंटिंग इतनी बेहतरीन थी कि देखने में वे असली भारतीय नोटों की तरह दिखते थे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन नकली नोटों की पहचान करना आम व्यक्ति के लिए मुश्किल है। मशीन का उपयोग करने या नोटों की गहरी जानकारी के बिना असली-नकली में फर्क कर पाना संभव नहीं है। ऐसे में ये नोट आसानी से बाजार में चल सकते थे।

अलग-अलग सीरियल नंबर: नकली नोटों की रणनीति

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, नकली नोटों का सीरियल नंबर अलग-अलग है। यह एक विशेष रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जिससे नकली नोटों को पहचानना और भी मुश्किल हो जाता है। आरोपी युवक ने माना कि वह 1 लाख के नकली नोटों के बदले 40 हजार रुपए में बेचने का सौदा करता था। अब पुलिस पूछताछ कर रही है कि अब तक कितने नकली नोट सप्लाई हो चुके हैं और किन-किन जगहों पर इन्हें खपाने का इरादा था।

पुलिस की सख्ती से कार्रवाई, जल्द होगा नेटवर्क का भंडाफोड़

बालोतरा जिले में नकली नोटों के इस मामले ने पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती पेश की है। डीएसटी टीम और स्थानीय पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेकर कार्रवाई में जुटी हुई है। पुलिस का मानना है कि यह एक बड़े नकली नोट रैकेट का हिस्सा हो सकता है और इसके तार कई जगहों से जुड़े हो सकते हैं। एसपी कुंदर कंवरिया ने कहा कि वे हर कड़ी को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं ताकि जल्द से जल्द इस पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ हो सके और दोषियों को सजा मिल सके।

निष्कर्ष: पुलिस की तत्परता ने रोका एक बड़ा अपराध

डीएसटी टीम की सतर्कता और तत्परता से बालोतरा में नकली नोटों के इस खेल को रोका जा सका है। इस कार्रवाई से न केवल आम जनता का विश्वास बढ़ा है, बल्कि यह भी संदेश गया है कि अपराध चाहे जितना भी संगठित हो, कानून की पकड़ से बचना मुश्किल है।

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