Barmer News: राजस्थान के बाड़मेर से निकलने वाला काला सोना (तेल) राज्य और केंद्र दोनों सरकारों की आय का बड़ा स्रोत बनने जा रहा है। तेल उत्पादन को नई ऊंचाई पर ले जाने की तैयारी हो रही है, जिससे राज्य के खजाने में करोड़ों की बरसात होगी और केंद्र सरकार की आय भी आसमान छू जाएगी।
बाड़मेर का तेल: बदल रहा है आर्थिक परिदृश्य
राजस्थान के बाड़मेर क्षेत्र में वर्तमान में प्रतिदिन 70,000 बैरल तेल का उत्पादन हो रहा है। आने वाले समय में इसे 3 लाख बैरल प्रतिदिन तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस तेल उत्पादन से राजस्थान को सालाना ₹9,000 करोड़ का राजस्व मिलने की संभावना है, जबकि केंद्र सरकार को लगभग ₹2 लाख करोड़ का लाभ होगा।
Barmer Refinery और बड़ा निवेश: भविष्य की नींव
Barmer Refinery का निर्माण मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इस परियोजना में पहले से निर्धारित ₹1 लाख करोड़ के निवेश को बढ़ाकर ₹1.35 लाख करोड़ कर दिया गया है। यह निवेश न केवल तेल उत्पादन बढ़ाने में मदद करेगा बल्कि राजस्थान को ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी राज्य बना देगा।
काला सोना: बाड़मेर का खजाना कैसे भर रहा है?
वर्तमान में 90,000 बैरल प्रति दिन के उत्पादन से राजस्थान को ₹3,000 करोड़ सालाना और केंद्र सरकार को ₹70,000 करोड़ सालाना का राजस्व मिल रहा है। जैसे ही उत्पादन 3 लाख बैरल प्रति दिन तक पहुंचेगा, यह आय कई गुना बढ़ जाएगी।
उत्पादन (बैरल/दिन) | राजस्थान का राजस्व (सालाना) | केंद्र का राजस्व (सालाना) |
---|---|---|
70,000 बैरल | ₹3,000 करोड़ | ₹70,000 करोड़ |
3 लाख बैरल | ₹9,000 करोड़ | ₹2 लाख करोड़ |
नई तकनीक से होगा क्रांतिकारी बदलाव
बाड़मेर में तेल कंपनियां नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रही हैं। टाइट ऑयल रिकवरी की मदद से तेल की रिकवरी रेट को 25% से बढ़ाकर 40% तक कर दिया गया है। इसके अलावा, नए 10 ब्लॉक्स में भी संभावनाएं तलाशने का काम चल रहा है। मंगला जैसे बड़े भंडार मिलने की उम्मीद है, जिनसे तेल उत्पादन में बड़ा उछाल आएगा।
राइजिंग राजस्थान ग्लोबल समिट का असर
हाल ही में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल समिट में तेल और ऊर्जा को मुख्य फोकस बनाया गया। वेदांता समूह के चेयरपर्सन अनिल अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से वादा किया कि तेल उत्पादन को 3 लाख बैरल प्रति दिन तक पहुंचाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में टाइट ऑयल रिकवरी और शैल गैस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
तेल उत्पादन से रोजगार और विकास
बढ़ते तेल उत्पादन से बाड़मेर और राजस्थान में हजारों नई नौकरियों का सृजन होगा। साथ ही, स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। इस परियोजना से न केवल बाड़मेर बल्कि पूरे राजस्थान का विकास सुनिश्चित होगा।
भविष्य के लिए क्या है योजना?
- निवेश का बढ़ता स्तर: ₹1.35 लाख करोड़ का निवेश राजस्थान को भारत का तेल हब बना सकता है।
- रोजगार के अवसर: नई रिफाइनरी और उत्पादन बढ़ने से हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा।
- ऊर्जा में आत्मनिर्भरता: यह परियोजना देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगी।
FAQs: बाड़मेर तेल उत्पादन के बारे में सवाल-जवाब
Q1: बाड़मेर में तेल उत्पादन कब शुरू हुआ था?
Ans: बाड़मेर में तेल उत्पादन 2009 में शुरू हुआ था और यह भारत का प्रमुख तेल उत्पादक क्षेत्र बन गया है।
Q2: तेल उत्पादन बढ़ने से राजस्थान और केंद्र को कितना फायदा होगा?
Ans: उत्पादन बढ़कर 3 लाख बैरल प्रतिदिन होने पर राजस्थान को ₹9,000 करोड़ और केंद्र को ₹2 लाख करोड़ सालाना राजस्व मिलेगा।
Q3: बाड़मेर रिफाइनरी कब तक पूरी होगी?
Ans: बाड़मेर रिफाइनरी के 2025 तक पूरी होने की संभावना है।
Q4: क्या तेल उत्पादन से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा?
Ans: हां, तेल उत्पादन और रिफाइनरी परियोजनाएं हजारों स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का बड़ा स्रोत बनेंगी।
Q5: नई तकनीक से क्या बदलाव होंगे?
Ans: नई तकनीक से तेल की रिकवरी रेट को 40% तक बढ़ाया गया है, जिससे उत्पादन में काफी इजाफा होगा।
निष्कर्ष: बाड़मेर बनेगा भारत का आर्थिक इंजन
बाड़मेर का तेल उत्पादन राजस्थान और केंद्र सरकार के लिए वरदान साबित हो रहा है। यह परियोजना न केवल खजाना भरने का काम करेगी बल्कि राजस्थान को देश की ऊर्जा राजधानी बनाने में मदद करेगी। आने वाले सालों में, बाड़मेर पूरे भारत के आर्थिक और औद्योगिक विकास का केंद्र बन सकता है।